RTI से हुआ खुलासा: उत्तराखंड में सांसद निधि से नहीं हुए कार्य, 795 योजनाएं अब तक लंबित।

अप्रैल 2025 तक 18वीं लोकसभा के सांसदों ने नहीं कराया एक भी काम स्वीकृत, पूर्व सांसदों की निधि का भी नहीं हुआ पूरा उपयोग

देहरादून: उत्तराखंड के सांसद अपनी सांसद निधि का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। एक RTI के माध्यम से मिली जानकारी से यह खुलासा हुआ है कि अप्रैल 2025 तक 18वीं लोकसभा के किसी भी सांसद ने अपनी निधि से कोई कार्य स्वीकृत नहीं कराया है। यही नहीं, 17वीं लोकसभा के सांसदों द्वारा स्वीकृत 795 कार्य अब तक प्रारंभ भी नहीं हो सके हैं।

18वीं लोकसभा में हुआ काम ठप

ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार:

  • हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत – 5 करोड़ की निधि से कोई कार्य स्वीकृत नहीं।
  • पौड़ी सांसद अनिल बलूनी – कोई कार्य स्वीकृत नहीं।
  • टिहरी सांसद राजलक्ष्मी शाह – कोई कार्य स्वीकृत नहीं।
  • नैनीताल सांसद अजय भट्ट – कोई कार्य स्वीकृत नहीं।
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17वीं लोकसभा में भी निधि का आंशिक उपयोग

पूर्व सांसदों की स्थिति भी पूरी तरह सुकूनदायक नहीं रही। निधि का पूर्ण उपयोग नहीं हुआ और कई कार्य अधूरे हैं:

हरिद्वार (डॉ. रमेश पोखरियाल)
  • 50% निधि खर्च हुई।
  • 355 कार्य स्वीकृत, 150 पूर्ण, 195 प्रगति पर।
पौड़ी (तीरथ सिंह रावत)
  • 38% निधि खर्च।
  • 986 कार्य स्वीकृत, 370 पूर्ण, 166 प्रगति पर, 450 शुरू ही नहीं।
टिहरी (राजलक्ष्मी शाह)
  • 68% निधि खर्च।
  • 2397 कार्य स्वीकृत, 2086 पूर्ण, 4 प्रगति पर, 307 शुरू नहीं।
नैनीताल (अजय भट्ट)
  • 64% निधि खर्च।
  • 371 कार्य स्वीकृत, 200 पूर्ण, 169 प्रगति पर, 2 शुरू नहीं।
अल्मोड़ा (अजय टम्टा)
  • 69% निधि खर्च।
  • 1763 कार्य स्वीकृत, 701 पूर्ण, 936 प्रगति पर, 36 प्रारंभ नहीं।
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कुल आंकड़े (17वीं लोकसभा तक)

  • कुल स्वीकृत कार्य: 5782
  • पूर्ण हुए कार्य: 3517
  • कार्य प्रगति पर: 1470
  • प्रारंभ नहीं हुए कार्य: 795

लोगों का कहना है कि सांसद निधि का उचित उपयोग न होना विकास की दिशा में बड़ी बाधा है। जनता को इससे सीधा नुकसान हो रहा है क्योंकि कई योजनाएं समय पर शुरू नहीं हो पा रहीं। जनता द्वारा चुने गए सांसदों का यह कर्तव्य होता है कि वे अपनी सांसद निधि का समय पर उपयोग कर ज़रूरतमंद इलाकों में विकास करें। उत्तराखंड के इस ताजा आंकड़े ने सांसदों की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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